5. मेमोरी ( MEMORY )

मेमोरी (MEMORY)

मेमोरी कम्प्यूटर का Working Storage होता है । यह कम्प्यूटर का वह भाग है जहां डाटा , सूचना और प्रोग्राम संग्रहित रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त उपयोग किये जा सकते हैं । इस प्रकार की मेमोरी को प्राइमरी मेमोरी या मुख्य मेमोरी कहते हैं । प्रत्येक कम्प्यूटर की मेमोरी में संग्रह स्थान होते हैं , जिनकी संख्या निश्चित होती है , इन्हें मेमोरी लोकेशन कहते हैं । यह 128KB , 256 KB , 512 MB , 1GB , 2 GB या 4 GB आदि होती है जो कम्प्यूटर में विद्यमान रहती है । 

जैसे प्रत्येक स्थान का एक पता होता है , ठीक उसी प्रकार प्रत्येक मेमोरी के लोकेशन का एक पता होता है । यह पता ही मेमोरी का एड्रेस कहलाता है । 

कम्प्यूटर मेमोरी दो प्रकार की होती हैं-

1. प्राइमरी या मुख्य मेमोरी ( Primary or Main Memory )

2. द्वितीयक और ऑक्जीलरी मेमोरी ( Secondary or Auxiliary Memory) 

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1. प्राइमरी या मुख्य मेमोरी( PRIMARY OR MAIN MEMORY) 

यह संग्रह इकाई बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि माइक्रोप्रोसेसर निर्देश व डाटा को मुख्य मेमोरी से ही पढ़ता है । 

यह दो प्रकार के कार्य करती है 

( A )डाटा को माइक्रोप्रोसेसर तक पहुंचाना ।

( B )माइक्रोप्रोसेसर से प्रोसेसिंग के पश्चात् परिणामों को संग्रहित करना ।

जब कम्प्यूटर में मेमोरी शब्द का प्रयोग किया जाता है तो उसका अर्थ  प्राइमरी मेमोरी से होता है । 

यह तीन प्रकार की होती है

1. रोम ( ROM- Read Only Memory  ) 

2. रैम (RAM- Random Access Memory ) 

3. कैश मेमोरी ( Cache Memory )

1. रोम ( ROM- Read Only Memory) :

Read Only Memory में सूचनाओं को केवल पढ़ा जा सकता है इसलिए यह मेमोरी रीड ओनली मेमोरी कहलाती है एवं यह मेमोरी नॉन - वोलेटाइल ( Non - Volatile ) मेमोरी होती है अर्थात् इसमें सूचनाएं स्थायी ( Permanent ) रूप से संग्रहित रहती हैं । बिजली के चले जाने पर सूचनाएं नष्ट नहीं होती हैं । 


यह निम्न तीन प्रकार की होती है 

( i ). PROM ( Programmable Read Only Memory ) 

( ii ). EPROM ( Erasable Programmable ROM ) 

( iii ). EEPROM ( Electrically Erasable Programmable ROM )

( i ). PROM ( Programmable Read Only Memory ) : 

इस प्रकार की मेमोरी में प्रोग्राम संग्रह ( Store ) करने के पश्चात् बदले या मिटाए ( Delete ) नहीं जा सकते हैं । इसे एक बार लिखा जाता है और बार - बार पढ़ा जा सकता है ।

( ii ). EPROM ( Erasable Programmable Read Only Memory ) : 

इस मेमोरी में प्रोग्राम स्टोर करने के पश्चात् बदला या हटाया ( Delete ) जा सकता है । इस मेमोरी से प्रोग्राम हटाने के लिए पराबैंगनी किरणों ( Ultra - Violet Rays ) का उपयोग किया जाता है और नए प्रोग्राम संग्रहित किए जा सकते हैं । 

( iii ). EEPROM ( Electrically Erasable Programmable Read Only Memory ) : 

इस मेमोरी में प्रोग्राम को आवश्यकता पड़ने पर विद्युत तंरगों द्वारा मिटाया जा सकता है और नए प्रोग्राम डाले जा सकते हैं । 


फ्लैश मेमोरी ( Flash Memory ) : 

यह Non - volatile कम्प्यूटर मेमोरी होती है अर्थात् विद्युत के न रहने पर भी इसमें सूचना बनी रहती है । इसे फ्लैश रैम भी कहा जाता है । जिनमें सामान्य भण्डारण व डाटा के स्थानान्तरण का काम दो कम्प्यूटरों या अन्य डिजिटल उत्पादों में करते हैं । इसकी कीमत काफी कम होने के कारण इसका बहुतायत से प्रयोग होता है । इस प्रकार Flash मेमोरी में नया डाटा लिखने में कम समय लगता है । 

पैन ड्राइव , डिजिटल कैमरों एवं डिजिटल उत्पादों में प्रयोग किये जाने वाला मेमोरी कार्ड आदि Flash मेमोरी के ही उदाहरण हैं ।

2. रैम ( RAM- Random Access Memory ) 

इस मेमोरी में सूचनाओं को पढ़ा व लिखा जा सकता है तथा इसमें सूचनाओं को संग्रह भी किया जा सकता है । यहां Random शब्द का अर्थ है कि इस प्रकार की मेमोरी में सभी Location को पढ़ने में या लिखने में समान समय लगता है । यह वोलेटाइल मेमोरी है अर्थात् बिजली जाने पर इसमें संग्रह किए गए डाटा हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं । यह एक अस्थाई मेमोरी है ।


यह दो प्रकार की होती है-

( i). स्टैटिक रैम ( Static RAM / SRAM ) 

( ii ). डायनामिक रैम ( Dynamic RAM / DRAM ) 

( i). स्टैटिक रैम ( Static RAM / SRAM ) : 

  • यह मेमोरी स्थितिज ( Static ) होती है । 
  • सूचनाओं को यथावत् बनाए रखने के लिए अतिरिक्त परिपथ की आवश्यकता नहीं होती है ।
  • यह मेमोरी Cache मेमोरी के रूप में काम में ली जाती है क्योंकि इसकी कार्य करने की गति अधिक होती है । 
  • यह महंगी होती है । 
  • इसका घनत्व ( Density ) कम होता है ।

( ii ). डायनामिक रैम ( Dynamic RAM / DRAM ) :

  • यह मेमोरी गतिज ( Dynamic ) होती है ।
  • सूचनाओं को यथावत् बनाए रखने के लिए अतिरिक्त परिपथ की आवश्यकता होती है । 
  • यह मेमोरी सामान्य RAM के रूप में काम में ली जाती है । 
  • यह सस्ती होती है । 
  • इसका घनत्व ( Density ) अधिक होता है इसलिए यह कम जगह में अधिक सूचनाओं को संग्रहित करने की क्षमता रखती है ।

3. कैश मेमोरी ( Cache Memory ) 

यह एक विशेष प्रकार की तीव्र गति की मेमोरी होती है जो कि कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग की गति ( Speed ) को बढ़ा देती है । 

C.P.U. की गति अधिक होती है लेकिन RAM की गति कम होने के कारण सी.पी.यू. व रैम के मध्य डाटा स्थानान्तरण की गति कम हो जाती है । कैश मेमोरी की गति अधिक होती है । यह सी.पी.यू. को अधिक तेज गति से डाटा उपलब्ध करा देती है उसी प्रकार सी.पी.यू. से प्रोसेस किए डाटा को तीव्र गति से ग्रहण भी कर लेती है । इससे पूरे कम्प्यूटर का एक्सेस टाइम ( Access Time ) कम हो जाता है अर्थात् कम्प्यूटर की गति बढ़ जाती है । 

Important Points

  1. Memory Access Time : मेमोरी के एक लोकेशन को पढ़ने या लिखने में जो समय लगता है Memory Access Time कहलाता है । एक्सेस टाइम ( Access Time ) जितना कम होता है , कम्प्यूटर की गति उतनी अधिक होती है ।
  2. Memory Cycle Time : दो स्वतंत्र कार्यों को शुरू करने के मध्य का समय Memory Cycle Time कहलाता है । 
  3. Time Delay : पहले कार्य के खत्म होने व दूसरे कार्य को शुरू करने के मध्य का समय ।
  4. Memory Cycle Time = Memory Access Time + Time Delay.
2. द्वितीयक और ऑक्जीलरी मेमोरी ( Secondary or Auxiliary Memory) 

Primary Memory महंगा एवं अस्थाई होने के कारण द्वितीयक मैमोरी डिवाइसेज का प्रयोग किया जाता है ।

इनमें सिस्टम सॉफ्टवेयर जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम ( Operating System DOS , Windows , Unix ) , एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर जैसे ( MS - Office , Sonma Typing) आदि को आसानी से संग्रहित किया जा सकता है । 

द्वितीयक और ऑक्जीलरी मेमोरी के उदाहरण

1. फ्लॉपी डिस्क ( Floppy Disk ):

यह एक पतली प्लास्टिक की डिस्क होती है , जिस पर पतली चुम्बकीय पदार्थ की परत चढ़ी रहती है , इस चुम्बकीय डिस्क में सूचनाओं को संग्रहित किया जाता है । । 1.44 MB की फ्लॉपी में जब यह Notch खुला रहता है तो हम फ्लॉपी में केवल सूचनाएं पढ़ सकते हैं , लिख नहीं सकते । इस Notch के बन्द होने पर हम सूचनाओं को पढ़ व लिख सकते हैं । फ्लॉपी , ट्रैक व सेक्टर में विभाजित होती है । सूचनाएं फ्लॉपी के सेक्टर में लिखी जाती हैं । 


फ्लॉपी दो प्रकार की होती है 
( i ) सॉफ्ट सेक्टर फ्लॉपी ( Soft Sector Floppy ) 
( ii ) हार्ड सेक्टर फ्लॉपी ( Hard Sector Floppy ) 

( i ) सॉफ्ट सेक्टर फ्लॉपी ( Soft Sector Floppy ) :

वह फ्लॉपी जिसे बार - बार फॉर्मेट किया जा सके ।

( ii ) हार्ड सेक्टर फ्लॉपी ( Hard Sector Floppy ) : 

वह फ्लॉपी जिसके निर्माण के समय स्थाई रूप से ट्रैक व सेक्टर का निर्माण कर दिया जाता है , इन्हें पुनः फॉर्मेट नहीं कर सकते हैं ।

फ्लॉपी कई आकारों में उपलब्ध रहती है , जैसे- 5.25 इंच , 3.5 इंच आदि । यह वर्गाकार होती है । वर्तमान में 3.5 इंच फ्लॉपी का प्रयोग किया जाता है किन्तु कम स्टोरेज क्षमता होने के कारण फ्लॉपी का उपयोग कम हो गया है ।

( i ) 5.25 इंच की फ्लॉपी ( 5.25 Inch Floppy )

( a ) इसमें डिस्क के दोनों तरफ की सतह पर 40-40 ट्रैक होते हैं । ( ( b ) प्रत्येक ट्रैक में 9 सेक्टर होते हैं ।  

 ( ii ) 3.5 इंच की फ्लॉपी ( 3.5 Inch Floppy ) 

( a ) इसमें डिस्क के दोनों तरफ की सतह पर 80-80 ट्रैक होते हैं 1 
( b ) प्रत्येक ट्रैक में 18 सेक्टर होते हैं 

2. हार्ड डिस्क या विनचेस्टर डिस्क ( Hard Disk/ Winchester Disk ) : 

हार्ड डिस्क CPU के अन्तर्गत डेटा स्टोर करने की प्रमुख डिवाइस होती है । यह दूसरे डिस्क की तुलना में उच्च संग्रहण क्षमता , विश्वसनीयता तथा तीव्र गति प्रदान करता है । चूँकि ये डिस्क एक बॉक्स  के अन्दर रीड तथा राइट हेड ( Read and write head ) के साथ सील रहता है। रीड तथा राइट हेड डिस्क के किसी भी ट्रैक के किसी भी सेक्टर पर सीधे पढ़ तथा लिख सकता है जिससे डेटा को पढ़ना या लिखना तेज गति से होता है । कम्प्यूटर में अक्सर इसे ' सी ' ( c ) ड्राइव नाम दिया जाता है । कम्प्यूटर के अन्तर्गत इसी हार्ड डिस्क में सभी प्रोग्राम या डेटा  Installed रहता है जिसका उपयोग हम अपनी जरूरत के अनुसार करते हैं । हार्ड डिस्क 10 GB , 20 GB , 40GB , 80 GB आदि क्षमता में उपलब्ध है । डिस्क को ट्रैकों तथा सेक्टर में विभाजित किया जाता है जिसे फार्मेटिंग कहते हैं ।


3. मैग्नेटिक टेप ( Magnetic Tape ) :

वास्तव में हमलोग गानों के संग्रह तथा रिकॉर्डिंग के लिए जो कैसेट उपयोग करते है , यह उसी सिद्धान्त पर कार्य करता है ।  मैग्नेटिक टेप 1/4 इंच चौड़ाई की प्लास्टिक की पट्टी होती है जिसकी एक तरफ चुंबकीय ऑक्साइड की परत चढ़ी रहती है

4. ब्लू रे डिस्क ( Blu Ray Disc ) :

यह एक ऑप्टीकल डिस्क होती है जो उच्च घनत्व डाटा के भण्डारण के लिए बनाई गई है । यह एक प्लास्टिक की बनी 120mm व्यास एवं 1.2mm मोटी डिस्क होती है इसकी एक परत में 25 GB डाटा संग्रह किया जा सकता है , डिस्क को पढ़ने के लिये Blue laser का प्रयोग किया जाता है इसलिए इसे Blu Ray Disc कहा जाता है । 
  • Single Layer Blu Ray Disc की क्षमता 25 GB  होती है । 
  • Double Layer Blu Ray Disc की क्षमता 50 GB होती है । 


5. सीडी रॉम ( CD ROM - Compact Disc Read Only Memory ) :

CD ROM को ऑप्टिकल डिस्क भी कहा जाता है । ऑप्टिकल डिस्क के ऊपर डेटा को स्थायी रूप से अंकित किया जाता है । लेजर की सहायता से सीडी की सतह पर अतिसूक्ष्म गड्ढे बनाये जाते हैं । सीडी में Recording मिट नहीं सकती है । रिकॉर्डेड डेटा को पढ़ने के लिए कम तीव्रता वाले लेजर बीम का उपयोग किया जाता है । साधारणतः सीडी रॉम की संग्रह क्षमता 640 MB होती है । सीडी से डेटा प्राप्त करने के लिए सीडी ड्राइव तथा सीडी में डेटा को डालने के लिए सीडी राइटर की आवश्यकता होती है । इसे WORM ( Write Once Read Many ) डिस्क भी कहते हैं अर्थात् वैसा सीडी जिस पर केवल एक बार लिखा जा सकता है पर बार - बार पढ़ा जा सकता है । Recording में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है ।

6. USB पेन ड्राइव ( USB Pen Drive ) :

USB का तात्पर्य Universal Serial Bus से है । यह एक सीरियल बस स्टैण्डर्ड है जो किसी कम्प्यूटर डिवाइस को सीधे कम्प्यूटर से जोड़ने के काम आता है । USB पेन ड्राइव एक ऐसा ही कम्प्यूटर डिवाइस है जो USB के जरिए कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है ।

 यह एक छोटे हार्ड डिस्क की तरह होता है जो डाटा को स्टोर करने , रीड करने तथा हटाने में काम आता है । USB पेन ड्राइव का लाभ यह होता है कि यह डिवाइस बहुत छोटा और हल्का होता है और इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है । इसे फ्लैश ड्राइव भी कहते हैं।


7. डी वी डी ( DVD ) : 

डी वी डी Digital versatile disc या Digital video disc का संक्षिप्त नाम है । यह ऑप्टिकल डिस्क तकनीक के CD- रॉम की तरह होता है । इसमें न्यूनतम 4.7 GB डेटा , एक पूर्ण लम्बाई की फिल्म संग्रहित किया जा सकता है । डी वी डी सामान्यतः फिल्मों और अन्य मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों को डिजिटल रूप में प्रस्तुत करने का एक माध्यम है ।

Important Points

1. Magnetic storage example
  • Floppy
  • Hard disk
  • Megnetic tap
2. Optical storage example
  • CD
  • DVD
  • Blu Ray Disc
Computer classes by vikas

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