मेमोरी (MEMORY)
मेमोरी कम्प्यूटर का Working Storage होता है । यह कम्प्यूटर का वह भाग है जहां डाटा , सूचना और प्रोग्राम संग्रहित रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त उपयोग किये जा सकते हैं । इस प्रकार की मेमोरी को प्राइमरी मेमोरी या मुख्य मेमोरी कहते हैं । प्रत्येक कम्प्यूटर की मेमोरी में संग्रह स्थान होते हैं , जिनकी संख्या निश्चित होती है , इन्हें मेमोरी लोकेशन कहते हैं । यह 128KB , 256 KB , 512 MB , 1GB , 2 GB या 4 GB आदि होती है जो कम्प्यूटर में विद्यमान रहती है ।
जैसे प्रत्येक स्थान का एक पता होता है , ठीक उसी प्रकार प्रत्येक मेमोरी के लोकेशन का एक पता होता है । यह पता ही मेमोरी का एड्रेस कहलाता है ।
कम्प्यूटर मेमोरी दो प्रकार की होती हैं-
1. प्राइमरी या मुख्य मेमोरी ( Primary or Main Memory )
2. द्वितीयक और ऑक्जीलरी मेमोरी ( Secondary or Auxiliary Memory)
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1. प्राइमरी या मुख्य मेमोरी( PRIMARY OR MAIN MEMORY)
यह संग्रह इकाई बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि माइक्रोप्रोसेसर निर्देश व डाटा को मुख्य मेमोरी से ही पढ़ता है ।
यह दो प्रकार के कार्य करती है
( A )डाटा को माइक्रोप्रोसेसर तक पहुंचाना ।
( B )माइक्रोप्रोसेसर से प्रोसेसिंग के पश्चात् परिणामों को संग्रहित करना ।
जब कम्प्यूटर में मेमोरी शब्द का प्रयोग किया जाता है तो उसका अर्थ प्राइमरी मेमोरी से होता है ।
यह तीन प्रकार की होती है
1. रोम ( ROM- Read Only Memory )
2. रैम (RAM- Random Access Memory )
3. कैश मेमोरी ( Cache Memory )
1. रोम ( ROM- Read Only Memory) :
Read Only Memory में सूचनाओं को केवल पढ़ा जा सकता है इसलिए यह मेमोरी रीड ओनली मेमोरी कहलाती है एवं यह मेमोरी नॉन - वोलेटाइल ( Non - Volatile ) मेमोरी होती है अर्थात् इसमें सूचनाएं स्थायी ( Permanent ) रूप से संग्रहित रहती हैं । बिजली के चले जाने पर सूचनाएं नष्ट नहीं होती हैं ।
यह निम्न तीन प्रकार की होती है
( i ). PROM ( Programmable Read Only Memory )
( ii ). EPROM ( Erasable Programmable ROM )
( iii ). EEPROM ( Electrically Erasable Programmable ROM )
( i ). PROM ( Programmable Read Only Memory ) :
इस प्रकार की मेमोरी में प्रोग्राम संग्रह ( Store ) करने के पश्चात् बदले या मिटाए ( Delete ) नहीं जा सकते हैं । इसे एक बार लिखा जाता है और बार - बार पढ़ा जा सकता है ।
( ii ). EPROM ( Erasable Programmable Read Only Memory ) :
इस मेमोरी में प्रोग्राम स्टोर करने के पश्चात् बदला या हटाया ( Delete ) जा सकता है । इस मेमोरी से प्रोग्राम हटाने के लिए पराबैंगनी किरणों ( Ultra - Violet Rays ) का उपयोग किया जाता है और नए प्रोग्राम संग्रहित किए जा सकते हैं ।
( iii ). EEPROM ( Electrically Erasable Programmable Read Only Memory ) :
इस मेमोरी में प्रोग्राम को आवश्यकता पड़ने पर विद्युत तंरगों द्वारा मिटाया जा सकता है और नए प्रोग्राम डाले जा सकते हैं ।
फ्लैश मेमोरी ( Flash Memory ) :
यह Non - volatile कम्प्यूटर मेमोरी होती है अर्थात् विद्युत के न रहने पर भी इसमें सूचना बनी रहती है । इसे फ्लैश रैम भी कहा जाता है । जिनमें सामान्य भण्डारण व डाटा के स्थानान्तरण का काम दो कम्प्यूटरों या अन्य डिजिटल उत्पादों में करते हैं । इसकी कीमत काफी कम होने के कारण इसका बहुतायत से प्रयोग होता है । इस प्रकार Flash मेमोरी में नया डाटा लिखने में कम समय लगता है ।
पैन ड्राइव , डिजिटल कैमरों एवं डिजिटल उत्पादों में प्रयोग किये जाने वाला मेमोरी कार्ड आदि Flash मेमोरी के ही उदाहरण हैं ।
2. रैम ( RAM- Random Access Memory )
इस मेमोरी में सूचनाओं को पढ़ा व लिखा जा सकता है तथा इसमें सूचनाओं को संग्रह भी किया जा सकता है । यहां Random शब्द का अर्थ है कि इस प्रकार की मेमोरी में सभी Location को पढ़ने में या लिखने में समान समय लगता है । यह वोलेटाइल मेमोरी है अर्थात् बिजली जाने पर इसमें संग्रह किए गए डाटा हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं । यह एक अस्थाई मेमोरी है ।
यह दो प्रकार की होती है-
( i). स्टैटिक रैम ( Static RAM / SRAM )
( ii ). डायनामिक रैम ( Dynamic RAM / DRAM )
( i). स्टैटिक रैम ( Static RAM / SRAM ) :
- यह मेमोरी स्थितिज ( Static ) होती है ।
- सूचनाओं को यथावत् बनाए रखने के लिए अतिरिक्त परिपथ की आवश्यकता नहीं होती है ।
- यह मेमोरी Cache मेमोरी के रूप में काम में ली जाती है क्योंकि इसकी कार्य करने की गति अधिक होती है ।
- यह महंगी होती है ।
- इसका घनत्व ( Density ) कम होता है ।
( ii ). डायनामिक रैम ( Dynamic RAM / DRAM ) :
- यह मेमोरी गतिज ( Dynamic ) होती है ।
- सूचनाओं को यथावत् बनाए रखने के लिए अतिरिक्त परिपथ की आवश्यकता होती है ।
- यह मेमोरी सामान्य RAM के रूप में काम में ली जाती है ।
- यह सस्ती होती है ।
- इसका घनत्व ( Density ) अधिक होता है इसलिए यह कम जगह में अधिक सूचनाओं को संग्रहित करने की क्षमता रखती है ।
3. कैश मेमोरी ( Cache Memory )
यह एक विशेष प्रकार की तीव्र गति की मेमोरी होती है जो कि कम्प्यूटर की प्रोसेसिंग की गति ( Speed ) को बढ़ा देती है ।
C.P.U. की गति अधिक होती है लेकिन RAM की गति कम होने के कारण सी.पी.यू. व रैम के मध्य डाटा स्थानान्तरण की गति कम हो जाती है । कैश मेमोरी की गति अधिक होती है । यह सी.पी.यू. को अधिक तेज गति से डाटा उपलब्ध करा देती है उसी प्रकार सी.पी.यू. से प्रोसेस किए डाटा को तीव्र गति से ग्रहण भी कर लेती है । इससे पूरे कम्प्यूटर का एक्सेस टाइम ( Access Time ) कम हो जाता है अर्थात् कम्प्यूटर की गति बढ़ जाती है ।
Important Points
- Memory Access Time : मेमोरी के एक लोकेशन को पढ़ने या लिखने में जो समय लगता है Memory Access Time कहलाता है । एक्सेस टाइम ( Access Time ) जितना कम होता है , कम्प्यूटर की गति उतनी अधिक होती है ।
- Memory Cycle Time : दो स्वतंत्र कार्यों को शुरू करने के मध्य का समय Memory Cycle Time कहलाता है ।
- Time Delay : पहले कार्य के खत्म होने व दूसरे कार्य को शुरू करने के मध्य का समय ।
- Memory Cycle Time = Memory Access Time + Time Delay.
- Single Layer Blu Ray Disc की क्षमता 25 GB होती है ।
- Double Layer Blu Ray Disc की क्षमता 50 GB होती है ।
- Floppy
- Hard disk
- Megnetic tap
- CD
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